New Income Tax Bill: भारत सरकार 13 फरवरी को संसद में इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करने वाली है। इस बिल का मकसद टैक्स नियमों को आसान बनाना, मुश्किल शब्दों को हटाना और टैक्स भरने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। इससे लोगों के लिए टैक्स समझना और भरना दोनों आसान होगा, जिससे वे बिना किसी झंझट के समय पर टैक्स भरने के लिए तैयार होंगे।
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Current Terminology and Its Challenges
फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत हर साल 1 अप्रैल से होती है और यह 31 मार्च तक चलता है। मतलब, फाइनेंसियल ईयर 2025 1 अप्रैल 2024 से शुरू होकर 31 मार्च 2025 तक चलेगा!
टैक्स के नियमों के अनुसार, इस टर्म में हुई कोई भी कमाई आय मानी जाएगी। चाहे वह किसी व्यक्ति की हो या कंपनी की, टैक्स इसी कमाई के आधार पर लगेगा। मतलब, जितनी ज्यादा कमाई होगी, उतना ही टैक्स देना होगा!

- यह वह साल होता है जो फाइनेंसियल ईयर के तुरंत बाद आता है। इसमें पिछले फाइनेंसियल ईयर की कमाई पर टैक्स भरना और रिटर्न फाइल करना होता है। यह सिर्फ टैक्स से जुड़ा एक तरीका है जिससे सरकार यह तय करती है कि किस साल की कमाई पर टैक्स देना है।
- इसलिए, अगर किसी व्यक्ति या संस्था ने फाइनेंसियल ईयर 2025 में कमाई की है, तो उसका टैक्स और रिटर्न फाइनेंसियल ईयर 2026 में भरा जाएगा। यह प्रोसेस 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगी और 31 मार्च 2026 तक चलेगी। यानी, जो कमाई इस साल होगी, उसका टैक्स अगले साल भरना होगा!
The new Income Tax Bill 2025 appears to be old wine in a new bottle at first glance.
— Bhanwar Borana (@BhanwarBorana) February 12, 2025
New Updated Terminology
नए नियम के मुताबिक, अब फाइनेंसियल ईयर और असेसमेंट ईयर की जगह सिर्फ टैक्स ईयर कहा जाएगा। इसका मतलब है कि जिस साल कमाई होगी, उसी को टैक्स ईयर माना जाएगा, और अगले साल उसी पर टैक्स देना होगा।
सरल शब्दों में कहें तो फाइनेंशियल ईयर की योजना को टैक्स ईयर से बदल दिया जाएगा और असेसमेंट ईयर की कांसेप्ट को समाप्त कर दिया जाएगा। इससे टैक्स पेयर्स के लिए कर टैक्स भरने में आसान हो जाएगा, जिन्हें पुराने टैक्स से जुड़े शब्द समझने में दिक्कत होती थी।
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