MS Dhoni Retirement: हाय दोस्तों, आपने एमएस धोनी का नाम तो सुना ही होगा – क्रिकेट की दुनिया का वो सुपरस्टार, जिसने अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी से सबका दिल जीता। लेकिन हाल ही में उनकी बायोपिक “एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी” को लेकर एक नई बात सामने आई है, जो IPL 2025 में उनके परफॉर्मेंस से जुड़ी है।
फिल्म में ऐसा कुछ दिखाया गया है कि अगर युवा धोनी आज के धोनी को देखते, तो शायद वो उन्हें अपनी टीम में न चुनते। तो चलिए, इस बात को थोड़ा समझते हैं कि आखिर माजरा क्या है।
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The perspective of the biopic
MS धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी” 2016 में रिलीज हुई थी और इसमें धोनी की जिंदगी के कई अनछुए पहलुओं को दिखाया गया। फिल्म में उनके शुरुआती दिनों को बखूबी पेश किया गया – कैसे एक छोटे शहर का लड़का मेहनत और टैलेंट के दम पर इंडिया का कप्तान बना। उस वक्त धोनी फुल एनर्जी में थे – तेजी से रन बनाना, विकेट के पीछे बिजली की तरह स्टंपिंग करना, और टीम को जीत की राह दिखाना।
लेकिन अब IPL 2025 में 43 साल की उम्र में धोनी का रोल थोड़ा बदल गया है। बायोपिक के हिसाब से देखें, तो ऐसा लगता है कि वो युवा धोनी शायद आज के धोनी को “हाफ-बेक्ड” यानी अधपका खिलाड़ी मानते, जो पहले जैसा दम नहीं दिखा पा रहे।
Dhoni’s game in IPL 2025
IPL 2025 की शुरुआत हो चुकी है और धोनी चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेल रहे हैं। अब तक इस सीजन में उन्होंने कुछ ही मैच खेले हैं। उदाहरण के लिए, 23 मार्च को मुंबई इंडियंस के खिलाफ वो 2 गेंदों पर 0* रन बनाकर नॉट-आउट रहे और CSK ने 4 विकेट से जीत हासिल की।
वहीं, एक और मैच में उन्होंने 16 गेंदों पर 30* रन ठोके, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 187.5 रहा। ये आंकड़े बताते हैं कि धोनी अब फिनिशर के रोल में नजर आते हैं – वो पहले की तरह लंबी पारी नहीं खेलते, लेकिन आखिरी ओवर्स में धमाल मचा सकते हैं। फिर भी, कुछ लोग कहते हैं कि उनकी पुरानी चमक फीकी पड़ गई है।

Is Dhoni really half-baked?
अगर धोनी के पूरे IPL करियर पर नजर डालें, तो उन्होंने 265 मैचों में 5,243 रन बनाए हैं, औसत 39.13 का रहा और 24 अर्धशतक जड़े हैं। CSK को 5 बार IPL खिताब जिताने वाले धोनी का रिकॉर्ड गजब का है। लेकिन अब उम्र के साथ उनकी बैटिंग पहले जितनी कंसिस्टेंट नहीं रही।
वो निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हैं, ज्यादातर नंबर 7 या 8 पर, और टीम को आखिरी ओवर्स में तेजी देने की कोशिश करते हैं। बायोपिक का ये दावा कि युवा धोनी उन्हें न चुनते, शायद इस बात की ओर इशारा करता है कि पहले वो हर मोर्चे पर परफेक्ट थे – बैटिंग, कीपिंग, और कप्तानी। अब उनका फोकस सिर्फ कुछ खास पलों पर रह गया है।
भले ही धोनी का स्टाइल बदल गया हो, लेकिन फैंस का प्यार वही पुराना है। चेपॉक स्टेडियम में जब वो बैटिंग के लिए उतरते हैं, तो पूरा मैदान “धोनी-धोनी” के नारों से गूंज उठता है। लोग उनकी पुरानी यादों को आज भी जीते हैं – वो हेलिकॉप्टर शॉट, वो शांत कप्तानी, और वो बड़े-बड़े छक्के।
43 की उम्र में भी वो CSK के लिए “थाला” बने हुए हैं। इस सीजन में उन्हें अनकैप्ड प्लेयर के तौर पर 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया गया, जो दिखाता है कि टीम को उन पर भरोसा अभी भी कायम है।
The real Question is
तो क्या सच में धोनी अब वो खिलाड़ी नहीं रहे, जिसे उनका युवा वर्जन चुनता? शायद हां, शायद नहीं। पहले धोनी हर मैच में गेम-चेंजर थे, लेकिन अब वो चुनिंदा पलों में कमाल दिखाते हैं। उनकी फिटनेस और मेहनत को देखें, तो वो आज भी गजब के हैं। लेकिन उम्र का असर तो पड़ता ही है।
फिर भी, धोनी का अनुभव और प्रेशर में शांत रहने की काबिलियत उन्हें खास बनाती है। बायोपिक का ये नजरिया एक सोच हो सकती है, लेकिन क्रिकेट फैंस के लिए धोनी हमेशा लीजेंड रहेंगे।
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आप क्या सोचते हैं? क्या धोनी अब पहले जितने दमदार नहीं रहे, या फिर वो अभी भी CSK के लिए गेम-चेंजर हैं? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं। और हां, ऐसी ही आसान और मजेदार खबरों के लिए हमारे साथ बने रहें। अगली बार फिर मिलते हैं, तब तक खुश रहें और क्रिकेट का मजा लें!