Mukesh Ambani: भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी, हाल ही में प्रयागराज के महाकुंभ मेले में अपने परिवार के साथ पहुंचे। यह दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है। उनकी इस धार्मिक यात्रा ने न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि यह भी दिखाया कि वे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से कितने जुड़े हुए हैं।
Table of Contents
Sacred Journey to Triveni Sangam
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी के साथ उनकी मां कोकिलाबेन अंबानी, उनके बेटे आकाश और अनंत अंबानी, उनकी बहू श्लोका मेहता, और उनके पोते-पोती पृथ्वी और वेदा भी इस यात्रा में शामिल हुए।
अंबानी परिवार अरैल घाट पहुंचा, जहां से वे नाव से त्रिवेणी संगम गए और वहां स्नान व पूजा-अर्चना की। मान्यता है कि यहां स्नान करने से पाप मिटते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Ambani Family in Traditional Attire
महाकुंभ मेले की धार्मिक भावना का सम्मान करते हुए अंबानी परिवार ने पारंपरिक भारतीय कपड़े पहने थे।
- मुकेश अंबानी और अनंत अंबानी ने एक ही जैसे नीले कुर्ते पहने, जो एकरूपता दिखा रहे थे।
- आकाश अंबानी ने रंग-बिरंगा कुर्ता पहना था जो की मेले के उत्सव भरे माहौल से बिलकुल मेल खा रहा था।
- श्लोका मेहता ने सफेद अनारकली सूट पहना था जो की सादगी और खूबसूरती को दर्शा रहा था।
- पृथ्वी और वेदा ने टील रंग के मैचिंग आउटफिट पहने थे जिससे वे और भी प्यारे लग रहे थे।
उनका पहनावा साफ दिखा रहा था कि वे इस पवित्र मेले का सम्मान कर रहे हैं और भारतीय परंपराओं को दिल से अपनाते हैं।
Kalpavas: The Conclusion of a Spiritual Practice
अंबानी परिवार की यह यात्रा कल्पवास के आखिरी दिनों में हुई। कल्पवास जो की 13 जनवरी को शुरू हुआ था, एक गहरी आध्यात्मिक साधना है, जिसमें साधु-संत और भक्त कुंभ मेले में रहकर ध्यान, प्रार्थना और पवित्र स्नान करते हैं।
अब जब माघ पूर्णिमा के साथ इसका समापन हो रहा है, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु आखिरी धार्मिक अनुष्ठानों के लिए संगम तट पर पहुंच रहे हैं।

Anil Ambani’s Earlier Visit to Kumbh Mela
दिलचस्प बात यह है कि मुकेश अंबानी के भाई अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी भी महाकुंभ मेले में कुछ दिन पहले आए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सफेद कुर्ता पहनकर संगम में स्नान और पूजा की।
उनकी यात्रा के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, जिससे वे बिना किसी परेशानी के अपनी धार्मिक रस्में पूरी कर सके।
Historical Crowd and Government Arrangements
महाकुंभ मेला 2025 में अब तक की सबसे बड़ी भीड़ देखी गई है। उत्तर प्रदेश प्रशासन के मुताबिक, अब तक 450 मिलियन से ज्यादा श्रद्धालु यहां आ चुके हैं, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा है।
भीड़ को संभालने के लिए सरकार ने खास इंतज़ाम किए हैं। यातायात को ठीक रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। सुरक्षा को मजबूत किया गया है, जिससे भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सके। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए अलग जगह बनाई गई है, ताकि वे आराम से पूजा कर सकें।
माघ पूर्णिमा नजदीक आते ही प्रशासन मेले को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पूरी तैयारी में जुटा है।
Ambani Family and Spiritual Heritage
महाकुंभ मेले में अंबानी परिवार की मौजूदगी दिखाती है कि चाहे इंसान कितना भी अमीर या सफल हो, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ाव हमेशा खास होता है।
इससे कुछ बातें साफ होती हैं:
- भारतीय परंपराएं कितनी गहरी हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती हैं।
- जब मशहूर लोग ऐसे आयोजनों में शामिल होते हैं, तो यह समाज को एक साथ लाने में मदद करता है।
- आधुनिक जीवन और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन ही भारत की असली पहचान है।
महाकुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति का मिलन है। हर साल लाखों लोग यहां आते हैं, और यह भारत की आध्यात्मिक शक्ति को पूरी दुनिया के सामने रखता है।
ऐसी ही और ट्रेंडिंग खबरें और इंटर्नशिप अपडेट सबसे पहले पाने के लिए OpportunityTimes के WhatsApp और Telegram से जुड़ना न भूलें!